Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 48
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र हाथ का प्रकार देखते समय अवस्था को भी ध्यान में रखना चाहिए । यौवन-काल में हाथ सामान्यतः कम सख्त होता है, परन्तु उसी व्यक्ति का हाथ प्रौढ़ - काल में ज्यादा सख्त होता है । कहने का तात्पर्य यह है कि हाथ का प्रकार देखते समय उसकी आयु का भी ध्यान रखना चाहिए परन्तु सामान्यतः सख्त हाथ वाले व्यक्ति बुद्धि जीवी नहीं होते और परिश्रम करके ही अपना जीवन-यापन करते हैं। 6. हाथ के प्रकार- हाथ के प्रकार का भी भविष्य कथन के लिए बहुत अधिक महत्व है। हाथ देखने वाले को चाहिए कि वह जिस समय सामने वाले व्यक्ति के हाथ का स्पर्श करे, उसी समय यह भी जान ले कि उसका हाथ किस प्रकृति का है। 7. अत्यन्त सख्त हाथ - ऐसा हाथ बुद्धि की न्यूनता और अत्याचार को प्रदर्शित करता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों को दुखी देखकर आनन्द का अनुभव करते हैं और घोर स्वार्थी बने रहते हैं अपराधी वर्ग के हाथ ऐसे ही होते हैं। I जल्लाद या पेशेवर हत्यारे के हाथों में इसी प्रकार की स्थिति देखी जा सकती है। 8. नरम हाथ - जिन व्यक्तियों के इस प्रकार के हाथ होते हैं, वे सामान्यतः कल्पनाशील व्यक्ति होते हैं। इनके स्वभाव में एक विशेष प्रकार की लचक एवं कोमलता होती है और उसी के अनुसार इनका जीवन भी होता है। किसी भी व्यक्ति की सहायता करने के लिए ये हर समय तैयार होते हैं। अधिकतर ऐसे हाथ स्त्रियों के होते हैं। यदि किसी पुरुष का भी ऐसा हाथ अनुभव हो जाए तो यह समझ लेना चाहिए कि इस व्यक्ति में स्त्री सम्बन्धी गुण विशेष हैं । 9. ढीला-ढाला नरम हाथ यदि किसी व्यक्ति का हाथ नरम हो, परन्तु वह बड़ा ही ढीला-ढाला हो तो ऐसे व्यक्ति आलसी, निकम्मे तथा अत्यन्त स्वार्थी होते हैं। अधिकतर ऐसे व्यक्तियों में दया नाम की कोई चीज नहीं होती। अपराधी वर्ग के हाथ अधिकतर ऐसे ही होते हैं। बुरे तथा समाज विरोधी कार्यों में ऐसे व्यक्ति सर्वथा अग्रणी रहते हैं। ऐसे व्यक्ति हृदयहीन, धोखा देने वाले तथा कपटपूर्ण व्यवहार करने वाले होते हैं। 48

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