Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 63
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र के ऊपरी भाग पर नसों का दिखाई देना अशुभ लक्षण माना जाता है। 5. जिसके पांव के तलवे का रंग पीला हो वह कामी तथा व्यभिचारी माना गया 6. जिसके पांव की उंगलियों के नाखून नीलापन अथवा सफेदी लिए हो तथा रूखे हो तो ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट भोगते हैं। 7. जिनके पांव बीच में कुछ अधिक उठे हुए हों वे ज्यादा यात्रा करते हैं। 8. जिनके पांव का रंग जली हुई मिट्टी के रंग जैसा हो वे पाप कर्म तथा हिंसक स्वभाव के होते हैं। ऐसे लोग हत्या तक कर सकते हैं। 9. जिनके पांवों के तलवे में रेखाएं न हो जो कठोर, फटे हुए अथवा रूखे हों ऐसे व्यक्ति दुखी रहते हैं। 10. जिनके पावों के तलवे मांस रहित प्रतीत हो वे व्यक्ति रोगी रहते हैं। 11. जिनके पावों के तलवे का मध्य भाग उठा हुआ हो वे यात्रा प्रेमी माने गए 12. पांव की उंगलियों के नाखून सूप के समान फैले हुए लम्बे, टेढ़े अथवा श्वेत रंग के हों तो वे दरिद्र माने गए हैं। 13. पांव के तलवे में पाई जाने वाली रेखा सरल, सुन्दर, स्पष्ट, निर्दोष तथा ऐड़ी से तर्जनी तक गई हो ऐसा व्यक्ति परम ऐश्वर्य शाली माना जाता है। 14. पांव में अंकुश के समान रेखा हो वह जीवन पर्यन्त सुखों को भोगता है। 15. पांव के तलवे में ध्वजा, कमल, वज्र, तलवार, शंख, छत्र, धनुष, बाण, चामर, कुण्डल, सर्प, आदि के चिन्ह स्पष्ट हो वे भाग्यशाली माने जाते हैं। यदि ये चिन्ह अस्पष्ट हो तो जीवन के उत्तरार्ध में और यदि इन चिन्हों को किसी अन्य रेखा द्वारा काटा गया हो तो उत्तरार्ध में फल मिलता है। पांव के अंगूठे के बारे में सामुद्र तिलक में लिखा है:

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