Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 86
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र अंगुल का होना शुभ है। 81. यदि स्तन कठोर, गोल तथा दृढ़ हों , तो वे शुभ हैं। 82. यदि स्तन मोटे तथा सूखे हों, तो वे दुख देने वाले होते हैं। 83. यदि स्त्री का दाहिना स्तन ऊंचा हो, तो सौभाग्यशाली होती है। 84. जिस स्त्री के दोनों स्तन दबे हुए हों, वह कुलटा होती है। 85. जिस स्त्री के स्तनों के अग्रभाग काले तथा गोल हों, वह शुभ माना गया है। 86. जिस स्त्री की हंसुली मोटी हो, तो वह ऐश्वर्य भोगी होती है। 87. जिसकी हंसुली ढाली हो, तो वह स्त्री दरिद्री होती है। 88. यदि स्त्री के कंधे झुके हुए न हों, तो शुभ है। 89. यदि स्त्री के कंधे टेढ़े मोटे और बाल युक्त हों, तो वह विधवा होती है। 90. यदि आगे को कुछ झुके हुए और मजबूत हों, तो वह आनन्द करती है। 91. यदि उसकी भुजाएं कोमल तथा सीधी और रोम रहित हों, तो यह शुभ माना गया है। 92. यदि भुजाएं बालों से युक्त हों, तो वह विधवा होती है। 93. जिन स्त्रियों की भुजाएं छोटी हों, वे दुख उठाती हैं। 94. यदि हथेली लाल तथा छिद्र रहित हो, तो वह सौभाग्यशालिनी होती है। 95. यदि हथेली बहुत-सी नसों वाली या बहुत अधिक रेखाओं वाली हो, तो दरिद्री होती है। 96. यदि नख लाल और उभरे हुए हों, तो शुभ है। 97. पीले नख दरिद्रता के सूचक हैं। 86

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