Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 54
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र अनामिका का प्रभाव इसे अंग्रेजी में 'रिंग फिंगर' भी कहते हैं यह सूर्य पर्वत की अंगुली है इसके तीन पोरों पर कर्क, सिंह और कन्या राशि होती है। यह अंगुली सोना पहनती है तथा अतिथि सम्बन्धी को तिलक करते समय इस अंगुली से पहले बिन्दी स्पर्श करते हैं। तीसरी अंगुली का सीधा सम्बन्ध मस्तिष्क के अचेतन मन और व्यक्तिगत जीवन के साथ है। यह तर्जनी के बराबर तथा सीधी हो तो हम यह आशा करते हैं कि जीवन के संवेगों के साथ शेष व्यक्तित्व का ताल मेल बना रहेगा। अनामिका के टेढ़ी रहने से मनुष्य को कठिनाइयां, निराशा, धोखा और गलत प्रताड़नाएं मिलती रहती है। जीवन दूभर हो जाता है और कई बार धोखा खाने से हताश दिखाई देने लगते हैं। इस अंगुली में एक मानसिक चेतना अच्छे स्तर की होती है जो जीवन तत्व के साथ घुली मिली रहती है। उद्योगी हाथ की अंगुली व्यक्ति को कलात्मक रुचि प्रदान करती है। मानसिक और शारीरिक सम्बन्धों को अनामिका उंगली तालमेल बनाये रहती है। अनामिका के अधिक लम्बा होने से 'येन केन उपायेन' धनोपार्जन की चेष्टा हर वक्त बनी रहती है। वह सौदा सट्टा भी कर सकता है, जुआ, लॉटरी की तरफ उस व्यक्ति का झुकाव होगा तथा लम्बी अनामिका वाला व्यक्ति यह जानते हुए भी कि 'जुआ लोभ का पुत्र है, दुराचार का भाई है, और बुराइयों का पिता है फिर भी वह उसे खेले बगैर मानेगा नहीं। अचानक उसकी मनःस्थिति बिगड़ जाती है और गुस्से में आकर जल्दी ही गाली-गलौज कर सकता है। साथ में मंगल पर्वत उठा हुआ होने से ही यह बात पुष्ट होती है अन्यथा नहीं।

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