Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 33
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र 3. सूर्य रेखा दोष पूर्ण या खण्डित होने से व्यक्ति में कंजूसी की भावना बढ़ जाती है तथा बौद्धिक क्षमता को भी प्रभाव पड़ता है। ISBN 4. जिस जातक के ललाट पर शनि क्षेत्र में अर्ध चन्द्राकार कई रेखायें होंगी, साथ ही गुरु एवं मंगल रेखा लम्बी एवं सर्पाकार होगी। ऐसे जातक / 3 दुःखी, भयभीत, चिंतित एवं चंचल हृदय के स्वामी होते हैं। ऐसे जातक को पानी से सावधान रहना चाहिए क्योंकि शनि क्षेत्र में चन्द्राकार कई रेखा होने से जल द्वारा हानि होती है। 5. शनि रेखा अपने निचले भाग में टूटी हुई हो तथा सीधी हो। गुरु रेखा पर बाई ओर धनुषाकार चिन्ह हो। मंगल रेखा शाखायुक्त हो। सूर्य रेखा सर्पाकार हो। शुक्र रेखा अपने ऊपरी भाग में गहरी तथा बीच में कटी हो तो ऐसे जातक गुणवान, विद्वान, दानी, धर्मात्मा, उपदेशक, यशस्वी तथा यात्रा प्रेमी होते हैं। 5 D6. शनि रेखा गहरी हो गुरु रेखा छोटी मंगल रेखा गहरी । तथा पतली हो। सूर्य रेखा झुकी हो एवं दो रेखाओं से कटी हो, तो वह जातक कामी, क्रोधी, कलहप्रिय, झगड़ालू एवं हथियार से चोट खाता है। 33

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