Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 34
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र 5. चन्द्र रेखा ललाट पर पायी जाने वाली चन्द्र रेखा से जातक में कल्पना, विचार शक्ति, यात्रा, प्रेम, बौद्धिक चंचलता, मनोभावना, आदि के बारे में जाना जाता है। 1. चन्द्र रेखा उत्तम तथा पूर्ण होने से जातक में कल्पना शीलता, देशाटन भावना, तथा बौद्धिक चंचलता की वृद्धि होती है। 2. चन्द्र रेखा दोषपूर्ण अथवा खण्डित होने से जातक की । बौद्धिक क्षमता को प्रभावित करके उसे मंद बुद्धि वाला बनाती हैं चन्द्र रेखा खण्डित होने से जातक सत्यवादी नहीं होता है तथा देशाटन में बाधायें आती है। 3. यदि जातक के ललाट पर चन्द रेखा का अभाव हो तथा ललाट पर एक ही रेखा हो और वह धनुषाकार हो, तो जातक में यात्रा करने की भावना अधिक पायी जाती है। ऐसे जातक का स्वभाव अच्छा नहीं होता तथा बुरे कार्यों की चेष्टा करता है ऐसे जातक का अधम स्वभाव माना जाता हैं 4. स्पष्ट तथा गोलायी युक्त चन्द्र रेखा जातक में अच्छे विचार उत्पन्न करती है तथा यात्रायें अधिक करवाती है। ऐसे जातक की | विचार शक्ति और प्रेम भावना अच्छी होती है। T OP 5. ललाट पर चन 5. ललाट पर चन्द्र रेखा का अभाव हो तथा अन्य रेखायें छोटी-छोटी होने से जातक में अच्छे बुरे दोनों गुण पाये जाते हैं तथा ऐसे जातक दीर्घायु नहीं होते हैं।

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