Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 38
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र • जिस जातक के ललाट पर नीली नसों के उभरने से तिलक जैसा चिन्ह प्रतीत हो तथा साथ ही ललाट का आकार अर्धचन्द्र सा हो तो जातक सुखी और धनवान होता है। • जिस जातक की ललाट रेखायें न दिखती हों तथा ढलवा और चिकना हो परन्तु उत्तेजना के समय ये नसें दिखती हों, ऐसा जातक अति बुद्धिमान जातक होता है। • जिस जातक का ललाट नीचा हो तथा रुखा हो, ऐसे जातक हिंसक प्रवृति एवं क्रूर कर्म करने वाले होते हैं। ऐसे जातक सुख से वंचित होते हैं तथा संघर्षमय जीवन बिताते हैं। • जिस जातक का ललाट नाक के बराबर ऊँचा तथा नाक की लम्बाई से दुगुना चौड़ा तथा कनपटी विकसित हो तो ऐसे जातक श्रेष्ठ माने गये हैं। ललाट पर ग्रहों के चिन्ह तथा स्थान 1. सूर्य 2. चन्द्र 3. मंगल इसका चिन्ह मध्य बिन्दु युक्त वृत्त का चिन्ह होता है। इसका स्थान दाहिने नेत्र में रहता है। धनुष के आकार का इसका चिन्ह होता है। बाएं नेत्र में इसका निवास होता है। तीन शाखाओं वाला मंगल का चिन्ह सिर के ऊपरी भाग पर दिखाई देता है। एक खड़ी रेखा पर तिरछी रेखा जैसा चिन्ह बुध का होता है। यह मुंह पर वास करता है। दो के समान चिन्ह गुरु का होता है। इसका निवास दाहिने कान पर होता है। धन के चिन्ह के चारों ओर गोलाकार हो ऐसा चिन्ह शुक्र का होता है यह भौहों के बीच में होता है। 4. बुध 5. गुरु 6. शुक्र 38

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