Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 18
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र 5. अण्डाकार मुखाकृति अण्डाकार मुखाकृति का जातक वायु तत्व प्रधान जातक होता है, ऐसे जातक का ललाट विशाल होता है। ऐसे जातक का कद् सामान्य, गाल चिकने और लुभावने होते हैं तथा इनकी आंखे खूबसूरत होती हैं। अण्डाकार मुखाकृति के जातक स्वछन्द, साहसी, आशावादी, तथा तर्कपूर्ण बातें करने वाले होते हैं। इनमें हमेशा ज्ञान की जिज्ञासा होती है ये आनंद की खोज शान्ति की चाह करते हुए प्रगति की राह पर चलते हैं। यदि ऐसे जातक के चेहरे का निचला भाग पुष्ट हो तो प्रेम और सौंदर्य का इच्छा, काम पिपासा, व्यर्थ के आचरण की वृद्धि होगी। यदि ललाट का भाग कुछ संकुचित होगा (उल्टे अण्डे की तरह) तो उनकी बुद्धि का विकास कम होगा , ऐसे लोग हास्य, व्यंगप्रिय, मनमौजी तथा सामान्य स्वभाव के होते हैं। यदि चेहरे के निचले भाग में वायु तत्व की प्रधानता होगी तो जातक असत्यवादी, अस्वस्थ एवं स्वभाव से चिड़चिड़े होंगे। अण्डाकार मुखाकृति की स्त्री जातक सामान्य होती हैं, तथा थोड़े से प्रयत्न से अच्छी जीवन साथी सिद्ध हो सकती हैं। 18

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