Book Title: Sanskrit Kavyanand Part 02 03 Author(s): Nanchandra Muni Publisher: Ajramar Jain Vidyashala View full book textPage 8
________________ त्रीजा भागर्नु शुद्धिपत्र. पृष्ठ श्लोक अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ श्लोक अशुद्ध शुद्ध ४ १५ दरम् द्वरे | ७५ २८१ चमू तद्वन्द ५ १७ रांदनं रोदनं | ७६ २८४ मिच्छति मिच्छति १० ३८ दंश दश | ८४ ३१८ श्रुणि श्रूणि १३ ५१ मकान्त मेकान्त | ९२ ३४४ विद् विद २० ८१ धर्म धर्म | ९६ ३६२ कवन्य कर्तव्य २१ .८४ वर्जितो वर्जितो | "." अक्त्तव्यं अकर्तव्यं ३४ १३२ पीर परि " ३६३ वक्त वक्तुं ४७ १७८ कुतः चेतः | ९८ ३७० बाध्य बाष्प ४९ १८७ करु कुरु १०३ ३८३ अकुले बकुले ५७ २२२ दासी दाली ११२ ४१७ बाब बाह्य ५८ २२४ वश्या वशाPage Navigation
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