________________
( २४ ) होय, ते माणस कुटुंब मां बहु राग (प्रीति) वालो होय; वली जेनी श्रांखो लांबी होय, ते मंत्री घाय, तथा जेनी खो गोल आकार वाली होय, ते शूरो थाय; वली जेनी आँखो कुटिल होय, ते माणस दुराचारी होय, पीली खोवालो रोगी होय, कमल सरखी श्रांखोवालो धनवान् अने ध्यान धरनारो थाय; वली जेनी आँखो बिलामा जेवी होय, तेने लंपट जाणवो, तथा जेनी खो सुवर्ण सरखी होय, ते धनवान् याय, तथा तेने राजा तरफथी घणुं मान मले; वली जेनी
खो पारा सरखी होय, तेने पण उत्तम जाणवो, तथा जेनी आंखो मत्स्य सरखी होय, तेने राजा जावो; वली जेनी खो मांजरी होय, तेने पण उत्तम न हि जावो, जेनी आंखो त्रांसी होय, ते पण दरिद्री थाय, तथा जेनी एक आंख गएली होय, ते कपटी अने निर्बुद्धि होय.
हवे जमरोनुं स्वरूप कहे बे.
जेनी जमरो रोमवाली तथा तलवार जेवी वांकी होय, तेने गुणवान् माणस जाणवो, तथा जेनी जमर सीधी छाने बुटां बुटां रोमवाली होय, तेने दरिडी जाणवो; वली जेनी नमर तमाम नीची होय,
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org