________________ (24) वलीतीश स्वप्ननी अंदर अतिश्रेष्ठ एवां चौद स्वप्न अने ते तीर्थकरनी माता देखे बे. ते चौद स्वप्ननां नाम आ प्रमाणे बे. 1 हाथी, 2 वृषन, ३सिंह, लक्ष्मी, 5 फुलमाला, 6 चंड, 7 सूर्य, ध्वजा ए कलश, 10 पद्म सरोवर, 11 समुख, 15 देवविमान, 13 रत्नराशि अने 14 अग्निशिखा. आ चौद स्वप्नमांथी वासुदेवनी माता सात स्वप्न जुवे बे, बलदेवनीमाता चार स्वप्न जुवे ने अने मंमलिकनी माता मात्र एकज स्वप्न जुए जे. इति. Aawaariwa Nagar Peo Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org