Book Title: Samudrik Shastranu Gujarati Bhashantar
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 224
________________ (२२२) जुए बे, ते माणस कुष्ठी श्रश्ने तुरत मृत्यु पामे बे. जे माणस स्वप्नमां मनोहर घी मेलवे ने, तेनो यश वृद्धि पामे , वली वीरान्ननी साथे तेनुं खावं जुए ए प्रशस्त . स्वप्नमां हसे तो थोमा वखतमां शोक थाय, नाचे तो वधबंधन थाय अने नणे तो कलह थाय एम माह्या माणसे जाणवू. काली गाय, घोडो, राजा, हाथी अने देव ए सिवायनी बीजी को काली चीज स्वप्नमां कोइ माणस जुए तो तेनुं मातुं फल मले बे. कपास अने लवणादि सिवायनी सफेद चीज कोइ माणस स्वप्नमां जुए तो तेनुं सारं फल मले बे. जे स्वप्नां पोता प्रत्ये जोयेल होय तेनुं शुन अथवा अशुन फल ते माणसने थाय ने अने जे स्वप्नां बीजा प्रत्येनां होय तेमां तेने पोताने कां थतुं नथी. खराब स्वप्न जोवामां आवे तो देवगुरुने पूजवा तथा शक्ति प्रमाणे तप करवो; कारणके हमेशां धर्ममां रक्त थयेला माणसोने खराब स्वप्न पण उत्तम स्वप्न तुख्य थाय बे. __स्वप्नशास्त्रमा बेंतालीश स्वप्न मध्यम अने त्रीश स्वप्न उत्तम कह्यां . सर्वे मली बहोतेर Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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