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(१२०) लथी शुज स्वप्न जुए के तेने ते स्वप्न ( शुल) फलदायक थाय बे, अने एम परावर्ते जाणवू. स्वप्नमां मनुष्य, सिंह, घोमो, हाथी, वृषज अने सिंदणथी युक्त एवा रथमा आरुढ थयेलो जे माणस जाय , ते राजा थाय बे. स्वप्नमां घोमा, हाथी, वाहन, आसन, घर, निवसन आदिकनो अपहार जुए तो राजजय, शोक, बंधुऊनो विरोध अने अर्थहानि थाय . स्वप्नमां जे पुरुष सूर्य चंजनां संपूर्ण बिंबने गली जाय ते गरीब होय तोपण सुवर्ण श्रने समुज सहित पृथ्वीने निश्चे मेलवे . प्रहरण, आनूषण, मणि, मोती, सोनू, रूपुं तथा धातुर्नु हरण थतुं स्वप्नमां जुए तो ते स्वप्न धन अने मानने नाश करनारूं तथा प्रायः जयंकर मरण करनारूं थाय बे. सफेद हाथी पर बेठो थको नदीने कांठेजातनुं जोजन करुं बुं एवं स्वप्न जे माणस जुए ते जातिहीन होय तोपण धर्मरूपी धनने ग्रहण करतो थको श्राखी पृथ्वीने नोगवे बे. पोतानी स्त्रीनुं हरण थाय ने एबुं स्वप्न को जुए तो तेना धननो नाश थाय , पोतानी स्त्रीने को परानव करे एवं स्वप्न जुए तो क्लेश उपजे जे अने गोत्रनी स्त्रीना हरण तथा
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