________________
( २०७ ) मोटा आदरसत्कारथी राजाने पोताना तंबुमां परिवार सहित लाग्यो. बन्नेए पोतपोताना परिवारना
पापसमां कुशल समाचार पूब्या. पढी धनद सार्थवाहे हाथ जोडीने राजाने विनंति करी के हे स्वामिन्! थाजे तो आप हींज परिवार सहित जोजन करजो, राजा पण तेना घणा आग्रहथी तथा दाक्षिणताथी तेम करवाने कबुल कर पढी सार्थ - वादे पण उत्तम जातिनी जातजातनी रसोइन तैयार करावी. रसोइ तैयार थया बाद सघलाई नोजन करवाने बेवा. ते रसोइ एवा उत्तम प्रकारत्री बनावेली इती के तेनो स्वाद लइ राजा यादिक सर्व परिवार अत्यंत हर्षित थयो. जोजन कर्या बाद, पान, सोपारी, एलची विगेरे मुखवास लइने राजाए थोडीवार श्रीराम लीधो, पाउला पहोरे सार्थवाहे राजाने साथे लइने पोताना सघला तंबुर्जमां तेने फेख्यो, तथा पोतानी साथे रहेलो सर्व सरंजाम तेने देखाड्यों. राजा तो ते सघलुं जोइ श्राश्चर्य पाम्यो, ने विचारखा लाग्यो के हो ! आवडी कुद्धि तो मारा घरमा पण नथी. एवी रीते फरतां फरतां एक मनोहर तंबुनी नजदीक ते श्राव्या. तेमां जइने
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org
Jain Educationa International