Book Title: Samudrik Shastranu Gujarati Bhashantar
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 188
________________ (१६) होय, तेवो बलद तेना खामीनी संपत्तिनी वृद्धि करे . जे बलदना पाउलना मावा पगना साथलमां सफेद रंगनुं मनुष्यना पंजाना थाकार- चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीने चोर श्रादिकनो नय उपजावे .जे बलदना पालना माबा पगना साथलमां श्याम रंगनुं मत्स्यना आकार- चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीनुं जल यादिकना जयश्री रण करे . जे बलदना पाबलना डाबा पगना साथलमांत्रणथी वधारे श्याम रंगना मसो जगेला होय, तेवो बलद तेना स्वामीना परिवारनो अग्निथी तुरत नाश करावे बे; माटे परिवार- कल्याण श्वनार गृहस्थोए तेवा बलदने ग्रहण करवो नहीं. जे बलदना पालना काबा पगना साथलमा कूर्मना (काचबाना) मुखना श्राकारनुं अथवा स. पना मुखना श्राकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीनी स्त्रीनो नाश करे . जे बलदना पालना मावा पगना साथलमां श्याम रंगनुं जवनी श्रेणिना श्राकारर्नु चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीना खेती श्रादिकना व्यापारमा वृद्धि करे . जे बलदना पाउलना मावा पगना धुंटण पर त्रिकोणना Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226