Book Title: Samudrik Shastranu Gujarati Bhashantar
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 204
________________ (२०५) खेती श्रादिक व्यापारमा घणुं नुकशान करे जे. जे वलदनुं पुरडं अतिशय कृश (पातQ ) होय, तेवो बलद तेना खामीनी लक्ष्मी तथा परिवारनो पण नाश करे . जे बलदना पुंडमामां उपरना नागमा वाल होय अने माना नागमा वाल न होय, तेवो बलद तेना. स्वामीनी संपत्तिनो तुरत विनाश करे . जे बलदना पुंडमाना मूल आगल श्वेत रंगनुं वलयना आकारनं चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीने चक्रवर्तीपणानुं राज्य मेलवी आपे बे. जे बलदना पुंबडाना बेमा पर मसो उगेला होय, तेवो बलद तेना स्वामीने जलनो जय उपजावे जे. जे बलदनी पृष्ठना पालना बन्ने नागो पर मत्स्ययुगलनां लाल श्रथवा सफेद रंगनां चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीने जल पर्यटन करावे डे, तथा तेथी तेने घणा व्यनी प्राप्ति करावी थापे जे. जे बलदना पृष्ठनी पालना बन्ने जागो पर श्वेत अथवा लाल रंगनां एकेक मत्स्यनां चिह्नो होय, तेवो बलद तेना खामीने जल पर्यटन करावे बे, पण तेमां तेनुं मृत्यु निपजावे . जे बलदना पृष्ठनी पालना बन्ने जागो पर दंम सहित Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226