Book Title: Rushabh Charitra Varshitap Vidhi Mahatmya
Author(s): Priyadarshanashreeji
Publisher: Mahavir Prakashan

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Page 7
________________ g ossessmesgeeta 53. समकित की प्राप्ति कैसे हुई + आचार्य धर्मघोष मुनि को भावपूर्वक निर्दोष घी का दान देने से। ) 4. तीर्थंकर गौत्र का उपार्जन ग्यारहवेंवजनाभ चक्रवर्ती केभव / 2) 5. च्यवन 6. गर्भ कल्याणक అఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅఅ అ + 33 सागरोपम की आयु पूर्ण करके सर्वार्थ सिद्ध विमान से + आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में चन्द्र का योग होने पर 33 सागर का आयुष्य पूर्ण करके। + मरूदेवी। + नाभि कुलकर। + कौशल देश वनिता नगरी + माता ने 14 शुभ स्वप्न देखे। + चैत्र कृष्णा अष्टमी-अर्धरात्री। + वर्तमान अवसर्पिणी काल के तीसरे आरे के चौरासी लाख पूर्व और नवासी पक्ष अर्थात् तीन वर्ष आठ माह पन्द्रह दिन शेष रहे, तब + 500 धनुष। GieoGeeGOSGOGGLAGEGORY B) 7. माता का नाम 18. पिता का नाम 39. देश 10. स्वप्न 11. जन्म कल्याणक 12. जन्म का समय 13. देहमान

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