Book Title: Ratisarakumar Charitra
Author(s): Kashinath Jain
Publisher: Kashinath Jain

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Page 3
________________ HAPPY DIDI भूमिका प्रिय पाठकवर्ग! आज आप लोगोंके सामने यह रतिसार कुमार-चरित्र उपस्थित करते हुए हमें बड़ाही मानन्द होता है ; क्योंकि हमें आशा नहीं थी, कि हमारे कृपालु पाठक हमारी इस प्रन्थमालाको इस प्रकार उदारता के साथ अपनायेंगे, कि हमें धड़ाधड़ एक के बाद दूसरी किताब छापकर आप लोगों की भेंट करनी पड़ेगी। वास्तवमें हमने जिस ढंगसे शास्त्रीय कथाओंको सरल, सारस, औपन्यासिक भाषामें लिखवाकर प्रकाशित करना प्रारम्म जिया है, वह हिन्दी-जैन-साहित्यके इतिहासमें एकदम नया उद्योग है और हम यह दावेके साथ कह सकते हैं, कि इन पुस्तकों ले जैनेतर सजन भी यथेष्ट लाभ उठा सकते हैं। इस पुस्तकमें राजकुमार रतिसारका विचित्र और शिक्षाप्रद जीवन-चरित्र उपन्यासके ढंग पर लिखा गया है और स्थानस्थानपर शान्त, वैराग्य और ऋगार आदि सभी रोंका समावेश हुआ है। हमें पूरी आशा है, कि यह पुस्तक बालक, वृद्ध, P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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