Book Title: Prakrit Sukti kosha
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jayshree Prakashan Culcutta

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Page 8
________________ हम श्रद्धेय मुनिश्री के प्रति कृतज्ञ हैं, जिनके अमूल्य संग्रह / संदर्भ कोश को प्रकाशित करने का हमें अवसर संप्राप्त हुआ । इसके अतिरिक्त प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन - काल में हमें अन्य अनेक सज्जनों का सहयोग प्राप्त हुआ है, जिनका सहयोग साभार उल्लेखनीय है । सर्वप्रथम हम महान् प्रतिभा के धनी एवं साहित्य - रसिक आदरणीय सन्त मुनिराज श्री महिमाप्रभसागर जी महाराज के प्रति श्रद्धावनत हैं, जिनकी महती प्रेरणा से हमें यथाशक्य आर्थिक सौजन्य प्राप्त हुआ अथवा यों समझिये कि प्रस्तुत ग्रन्थ की शताधिक प्रतियाँ अग्रिम रूप से क्रय की गईं । ग्रन्थ के संयोजन में सिद्धान्त - प्रभाकर मुनि श्रीललितप्रभसागरजी महाराज का एवं प्रूफ - संशोधन में विद्वद्वर्य श्रीमान् भँवरलालजी नाहटा का विशेष सहयोग एवं सहकार मिला है, एतदर्थ ये सभी हमारे धन्यवाद के पात्र हैं। सभी सहयोगी महानुभावों को हम हार्दिक प्रसन्नता भेंट करते हैं । प्रस्तुत है शिक्षा सम्बन्धी राष्ट्रीय नीति- संकल्प के अनुपालन के 'प्राकृति - सूक्ति कोश', जिसकी आपको रूप में आपके कर-कमलों में सुदीर्घ काल से प्रतीक्षा थी । Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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