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अन्य रूप - गामणी, गामणउ, गामणओ साहु (पु.) (साहु+णो) = साहुणो (प्रथमा बहुवचन)
अन्य रूप - साह, साहउ, साहओ, साहवो सयंभू (पु.) (सयंभू सयंभुणो) = सयंभुणो (प्रथमा बहुवचन) अन्य रूप - सयंभू, सयंभउ, सयंभओ, सयंभवों
... द्वितीया बहुवचन 2/2 (ख) हरि (पु.) (हरि+णो) = हरिणो (द्वितीया बहुवचन)
अन्य रूप - हरी गामणी (पु.) (गामणी-गामणि+णो) = गामणिणो (द्वितीया बहुवचन) . अन्य रूप - गामणी
साहु (पु.) (साहु+णो) = साहुणो (द्वितीया बहुवचन)
अन्य रूप - साह सयंभू (पु.) (सयंभू-सयंभुणो) = सयंभुणो (द्वितीया बहुवचन) अन्य रूप - सयंभू
17.
इकारान्त-ईकारान्त, उकारान्त-ऊकारान्त (पु.)
इकारान्त, उकारान्त (नपुं.) . (क) पंचमी एकवचन 5/1 (ख) षष्ठी एकवचन 6/1 प्राकृत भाषा में इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त पुल्लिंग व इकारान्त, उकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के पंचमी विभक्ति एकवचन व षष्ठी विभक्ति एकवचन में विकल्प से ‘णो' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है। प्रत्यय जोड़ने के पूर्व शब्द का अंतिम दीर्घ स्वर ह्रस्व हो जाता है और ह्रस्व स्वर ह्रस्व ही रहता है। जैसे
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प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1)
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