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एकवचन में अनुस्वार (-) जोड़ा जाता है। जैसेकमल (नपुं.) (कमल+-) = कमलं (द्वितीया एकवचन)
अकारान्त (नपुं.)
तृतीया एकवचन 3/1 22.(i) प्राकृत भाषा में अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के तृतीया विभक्ति :
एकवचन में अन्त्य 'अ' का 'ए' करके उसमें 'ण' और 'णं' प्रत्यय जोड़े . जाते हैं। जैसेकमल (नपुं.) (कमले+ण, णं) = कमलेण, कमलेणं (तृतीया एकवचन)
षष्ठी बहुवचन 6/2 . प्राकृत भाषा में अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के षष्ठी विभक्ति बहुवचन में अन्त्य 'अ' का 'आ' करके उसमें 'ण' और 'णं' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसेकमल (नपुं.) (कमला+ण, णं) = कमलाण, कमलाणं (षष्ठी बहुवचन)
----------- अकारान्त (नपुं.) तृतीया बहुवचन 3/2 23. प्राकृत भाषा में अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के तृतीया विभक्ति
बहुवचन में अन्त्य 'अ' का 'ए' करके उसमें 'हि', 'हिँ' और 'हिं' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसेकमल (नपुं.) (कमले+हि,हिँ,हिं) = कमलेहि, कमलेहिँ, कमलेहिं
- (तृतीया बहुवचन)
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24.
अकारान्त (नपुं.) पंचमी एकवचन 5/1 प्राकृत भाषा में अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के पंचमी विभक्ति एकवचन में अन्त्य 'अ' का 'आ' करके उसमें 'तो', 'दो-ओ', 'दु+उ', 'हि', 'हिन्तो' और 'शून्य' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। जैसेकमल (नपुं.) (कमला+त्तो, ओ, उ, हि, हिन्तो, 0) = कमलात्तो
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प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1)
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