Book Title: Prakrit Hindi Vyakaran Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 185
________________ पयावइ = प्रजापति परामरिंस = विचार पवहो, = प्रवाह पवाहो पासाय = महल पासाण = पत्थर पुरिस = पुरुष पुव्वण्ह, = दिन का पूर्व भाग,पूर्वाह्न पुव्वाह पोत्थअ = पुस्तक बंध = बंधन बांधव = बांधव बम्ह = ब्रह्मा बम्हण, = ब्राह्मण बाम्हण बहप्फई, = वृहस्पति मिलिच्छ = म्लेच्छ मुणिन्द = मुनि. मुहुत्त = मुहूर्त मेह = मेघ, बादल रवि = सूर्य रहुवइ = रघुपति राम = राम रिसि = ऋषि, मुनि, साधु रूक्ख = वृक्ष (पुं., नपुं.) लोअ = लोक लोअण = नेत्र . . वच्छ, = वृक्ष वणप्फई = वनस्पति वहि = अग्नि वसह = वृषभ वास = वर्ष (पुं., नपुं.) विज्ज = पण्डित विणअ = नम्रता, विनय विणोअ = खेल विप्प = ब्राह्मण वीसम्भ = विश्वास, श्रद्धा वीसाम = विश्राम लेना वीसास = विश्वास वुत्तंत = समाचार, हकीकत वेज्ज = वैद्य संजम = संयम संजोग = संयोग संफास = स्पर्श संवच्छर = वर्ष सक्कार = सम्मान बुहप्पई बाहु = भुजा भमर = भौरा भद्द = कल्याण भाउ = भाई मंसू, = दाढ़ी-मूंछ (पु., नपुं.) मस्सु मच्चु, = मृत्यु मिच्चु मज्झण्ह = मध्याह्न मज्झन्न = मध्याह्न मज्झिम = मध्यम मणूस = मनुष्य मयण = कामदेव (172) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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