________________
.
..
जल . = जल जाण = ज्ञान जोव्वण = यौवन णाण = ज्ञान तण = तिणका, घास तम्ब = ताँबा तम्बोल = पान तलाय = तालाब, सरोवर तित्थ · =तीर्थ तेल्ल = तेल तेलोक्क = तीन लोक थोत्त = स्तोत्र दसण - सम्यक् दशर्न दाडिम = अनार दुआर, = दरवाजा दार, देर, बार दुद्ध - दूध, खीर देव्व = भाग्य धीर = धीरज नयर = नगर नह, नभ = आकाश नीलुप्पल = नीलकमल नेत्त - नेत्र पउरिस = पुरुषार्थ पायाल = पाताल पाव = पाप पिउहर = पिता का घर पुप्फ = फूल पुव्व = पहले
पोग्गल = पुदगल फल = फल । बह्मचरिअ ब्रह्मचारी बम्हचेर = ब्रह्मचर्य भोअण-मेत्त= भोजन मात्र मउड = मुकुट मउण = मौन मज्ज = मद्य मसाण = मरघट माइहर = माता का घर .. मोल्ल = कीमत रयण = रत्न रायउल = राजा का वंश रायहर = राजा का महल रसायल = पाताल लोक रिण = ऋण लंघन = भोजन नहीं करना लंछण = चिन्ह लक्खण = लक्षण लवण, '= नमक लोण वक्खाण = व्याख्यान वच्छ = सीना, छाती वण = जंगल वायरण = व्याकरण विण्णाण = विशिष्ट ज्ञान सच्च = सत्य सामच्छ = सामर्थ्य सिंग = सींग
(174)
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org