Book Title: Prakrit Hindi Vyakaran Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 191
________________ परम = श्रेष्ठ पत्त = प्राप्त परोप्पर = आपस में पम्मुक्क = प्रमुक्त फास = स्पर्श, छूना मणोहर = सुन्दर, रमणीय मुक्क = छोड़ा हुआ मुक्ख = मूर्ख मुत्त - छूटा हुआ रत्त = लाल वर्ण वाला लज्जिर = लज्जाशील लित्त = लीपा हुआ विम्हअ = आश्चर्य विहल = व्याकुल वेविर = काँपनेवाला संठाविअ = अच्छी तरह से स्थापित सक्क = समर्थ सत्त = समर्थ समत्त = पूर्ण सयल = समस्त सिणिद्ध = चिकना सुअ = सुना हुआ सुकुमाल = अति कोमल सुक्क = शुक्ल सुक्ख = सूखा हुआ सुण्ह - सूक्ष्म सुत्त = सोया हुआ हयास = जिसकी आशा नष्ट हो गई 000 (178) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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