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धेणु (स्त्री.) धेणु का अंतिम स्वर दीर्घ होने पर = धेणू (प्रथमा बहुवचन) बहू (स्त्री.) बहू का अंतिम स्वर दीर्घ दीर्घ ही रहता है = बहू (प्रथमा बहुवचन) द्वितीया बहुवचन 2/2
प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के समान आकारान्तस्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के द्वितीया विभक्ति बहुवचन में दीर्घ स्वर का दीर्घ ही रहता है। जैसे
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कहा(स्त्री.)कहा का अंतिम स्वर दीर्घ दीर्घ ही रहता है = कहा (द्वितीया बहुवचन)
इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त (पु.)
इकारान्त, उकारान्त (नपुं. )
आकारान्त, इ-ईकारान्त, उ - ऊकारान्त (स्त्री.) द्वितीया एकवचन 2/1
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प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के समान इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त पुल्लिंग, इकारान्त, उकारान्त नपुंसकलिंग तथा आकारान्त, इ-ईकारान्त, उ- ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के द्वितीया विभक्ति एकवचन में अनुस्वार जोड़ने पर दीर्घ स्वर का हस्व हो जाता है और ह्रस्व का ह्रस्व ही रहता है। जैसे
हरि (पु.) (हरि+) = हरिं (द्वितीया एकवचन )
गामणी (पु.) (गामणी++) = गामणिं (द्वितीया एकवचन )
साहु (पु.) (साहु+) = साहु ( द्वितीया एकवचन ) सयंभू (पु.) (सयंभू++) = सयंभुं (द्वितीया एकवचन)
वारि (नपुं.) (वारि++) = वारिं ( द्वितीया एकवचन ) महु ( नपुं.) (महु ++) = महं (द्वितीया एकवचन )
कहा (स्त्री.) (कहा ++) = कहं (द्वितीया एकवचन )
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प्राकृत-हिन्दी व्याकरण (भाग - 1 )
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