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________________ 39. (24) धेणु (स्त्री.) धेणु का अंतिम स्वर दीर्घ होने पर = धेणू (प्रथमा बहुवचन) बहू (स्त्री.) बहू का अंतिम स्वर दीर्घ दीर्घ ही रहता है = बहू (प्रथमा बहुवचन) द्वितीया बहुवचन 2/2 प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के समान आकारान्तस्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के द्वितीया विभक्ति बहुवचन में दीर्घ स्वर का दीर्घ ही रहता है। जैसे - कहा(स्त्री.)कहा का अंतिम स्वर दीर्घ दीर्घ ही रहता है = कहा (द्वितीया बहुवचन) इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त (पु.) इकारान्त, उकारान्त (नपुं. ) आकारान्त, इ-ईकारान्त, उ - ऊकारान्त (स्त्री.) द्वितीया एकवचन 2/1 " प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के समान इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त पुल्लिंग, इकारान्त, उकारान्त नपुंसकलिंग तथा आकारान्त, इ-ईकारान्त, उ- ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के द्वितीया विभक्ति एकवचन में अनुस्वार जोड़ने पर दीर्घ स्वर का हस्व हो जाता है और ह्रस्व का ह्रस्व ही रहता है। जैसे हरि (पु.) (हरि+) = हरिं (द्वितीया एकवचन ) गामणी (पु.) (गामणी++) = गामणिं (द्वितीया एकवचन ) साहु (पु.) (साहु+) = साहु ( द्वितीया एकवचन ) सयंभू (पु.) (सयंभू++) = सयंभुं (द्वितीया एकवचन) वारि (नपुं.) (वारि++) = वारिं ( द्वितीया एकवचन ) महु ( नपुं.) (महु ++) = महं (द्वितीया एकवचन ) कहा (स्त्री.) (कहा ++) = कहं (द्वितीया एकवचन ) Jain Education International प्राकृत-हिन्दी व्याकरण (भाग - 1 ) For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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