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40.
मइ (स्त्री.) (मइ++) = मई (द्वितीया एकवचन)
लच्छी (स्त्री.) (लच्छी++) = लच्छिं (द्वितीया एकवचन) धे (स्त्री.) (धेणु ++) = घेणुं (द्वितीया एकवचन ) बहू (स्त्री.) (बहू ++) = बहुं (द्वितीया एकवचन )
इ-ईकारान्त, उ- ऊकारान्त (पु.) इकारान्त, उकारान्त (नपुं. )
आकारान्त, इ-ईकारान्त, उ- ऊकारान्त (स्त्री.) प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के समान इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त पुल्लिंग, इकारान्त, उकारान्त नपुंसकलिंग तथा आकारान्त, इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के पंचमी विभक्ति एकवचन में 'त्तो, ओ, उ और हिन्तो' प्रत्यय जोड़ने पर हस्व स्वर का दीर्घ हो जाता है और दीर्घ स्वर दीर्घ ही रहता है। जैसे
पंचमी एकवचन 5/1
→
हरि (पु.) (हरि+त्तो, ओ, उ, हिन्तो) = हरीत्तो हरित्तो, हरीओ, हरीउ, हरीहिन्तो ( पंचमी एकवचन )
गामणी (पु.) (गामणी+त्तो, ओ, उ, हिन्तो) = गामणीत्तो → गामणित्तो, गांमणीओ, गामणीउ, गामणीहिन्तो ( पंचमी एकवचन ) साहु (पु.) (साहु+त्तो, ओ, उ, हिन्तो) साहूत्तो साहुत्तो, साहूओ, साहू, साहूहिन्तो ( पंचमी एकवचन)
=
सयंभू (पु.) (सयंभू+त्तो, ओ, उ, हिन्तो) सयंभूत्तो→ सयंभुत्तो, सयंभूओ, सयंभू, सयंभू हिन्तो ( पंचमी एकवचन )
2.
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग - 1 )
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=
वारि (नपुं.) (वारि+त्तो, ओ, उ, हिन्तो ) = वारीत्तो वारित्तो, वारीओ, वारी वारीहिन्तो ( पंचमी एकवचन )
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