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1.
- सर्वनाम' शब्दों का विभक्ति-विवरण
अकारान्त सर्वनाम (पु.)
प्रथमा बहुवचन 1/2 प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग सव्वादि सर्वनामों के प्रथमा विभक्ति बहुवचन में 'ए' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसेसव्व (सब) (पु.) (सव्व+ए) = सव्वे (प्रथमा बहुवचन) त (वह) (पु.) (त+ए) = ते (प्रथमा बहुवचन) ज (जो) (पु.)(ज+ए) = जे (प्रथमा बहुवचन) क (कौन) (पु.) (क+ए) = के (प्रथमा बहुवचन) एत (यह) (पु.) (एत+ए) = एते (प्रथमा बहुवचन) इम (यह) (पु.) (इम+ए) = इमे (प्रथमा बहुवचन) अन्न (दूसरा) (पु.) (अन्न+ए) = अन्ने (प्रथमा बहुवचन)
नोट
जो प्रत्यय अकारान्त (पु., नपुं.) व आकारान्त (स्त्री.) संज्ञा शब्दों में प्रयुक्त हुए हैं वे ही प्रत्यय अकारान्त (पु., नपुं.) व आकारान्त (स्त्री.) सर्वनामों में प्रयुक्त होंगे। यद्यपि इसमें कुछ अपवाद हैं जो सर्वनामों की रूपावली से समझे जा सकते हैं। सर्वनाम शब्द इस प्रकार हैं- सव्व (सब), त (वह), ज (जो), क (कौन,क्या), एत (यह), इम (यह), अन्न (दूसरा), एक्क (एकही)। यहाँ सव्वादि सर्वनामों के कुछ विभक्तियों के रूप बताये जा रहे हैं। शेष विभक्तियों के रूप पुल्लिंग में 'देव' के समान, नपुंसकलिंग में 'कमल' के समान, स्त्रीलिंग में 'कहा' व 'लच्छी' के समान चलेंगे तथा सव्वादि सर्वनामों के अन्य रूप जो संज्ञा शब्दों के नियमानुसार बनाये गये हैं वहाँ 'संज्ञा शब्दों के नियमानुसार' ऐसा लिखा गया है। जो रूप संज्ञाओं से स्वतन्त्र हैं वे यहाँ ‘अन्य रूप' में दिए गये हैं। 'एक्क' सर्वनाम के रूप परिशिष्ट 3 में देखें।
3.
(48)
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1)
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