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प्रथमा बहुवचन 1/2 लच्छी (स्त्री.) (लच्छी+आ) = लच्छीआ (प्रथमा बहुवचन) अन्य रूप - लच्छी, लच्छीउ, लच्छीओ
द्वितीया बहुवचन 2/2 लच्छी (स्त्री.) (लच्छी+आ) = लच्छीआ (द्वितीया बहुवचन) अन्य रूप - लच्छी, लच्छीउ, लच्छीओ
आकारान्त, इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त (स्त्री.) (क) तृतीया एकवचन 3/1 (ख) षष्ठी एकवचन 6/1. .
(ग) सप्तमी एकवचन 7/1 (घ) पंचमी एकवचन 5/1 31. प्राकृत भाषा में आकारान्त, इ-ईकारान्त और उ-ऊकारान्त स्त्रीलिंग .
संज्ञा शब्दों के तृतीया विभक्ति एकवचन, षष्ठी विभक्ति एकवचन तथा सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'अ', 'आ', 'ई' और 'ए' प्रत्यय जोड़े जाते । हैं। प्रत्यय जोड़ने के पूर्व शब्द का अंतिम ह्रस्व स्वर दीर्घ हो जाता है
और दीर्घ स्वर दीर्घ ही रहता है। आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों में 'आ' प्रत्यय नहीं जोड़ा जाता है। जैसे
तृतीया एकवचन 3/1 . (क) कहा (स्त्री.) (कहा+अ, इ, ए) = कहाअ, कहाइ, कहाए (तृतीया एकवचन)
मइ (स्त्री.) (मइ-मई+अ, आ, इ, ए) = मईअ, मईआ, मईइ,मईए
(तृतीया एकवचन) लच्छी (स्त्री.) (लच्छी+अ, आ, इ, ए) = लच्छीअ, लच्छीआ, लच्छीइ, लच्छीए (तृतीया एकवचन)
धेणु (स्त्री.) (धेणु-धेणू+अ,आ,इ,ए)=घेणूअ,धेणूआ,घेणूड़,धेणूए
(तृतीया एकवचन)
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प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1)
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