________________
मारने को दौडा । इस प्रकार नागराज की अक्कल विमलशाह ने ठीक की।
विसलदेव के मंत्रित्व के काल में तेजपाल वस्तुपाल ने सारा गुजरात काठियावाड लाट वाकल आदि प्रदेशोंमें अनेक संग्राम करके गुर्जरेश्वरका प्रभुत्व कायम किया । बने वहांतक सामोपचार का वे उपयोग करते; परंतु युद्ध प्रसंग वा बहादुरी का प्रसंग आने पर वे कभी पीछे न हटते । इसी प्रकृति के कारण पौरवाडों को उस समय : प्रगट मल्ल" सच्चे योद्धा की पदवी दी गई है। कहा है:
रणि राउली शूरा सदा, देवी अबावी प्रमाण पोरूबाड परगट मल्ल, मरणिन मूके माण.
अर्थात् पोरवाड रण सदा शूर और सच्चे योद्धा होते हैं वे मान के वास्ते प्राण भी समर्पण कर देते हैं।
ऊपर कहे अनुसार पोरवाड लोगों ने मंदिर बंधवाने में भी बहुत कीर्ति मिलाई है। जिन जिन मंदिरों को देखकर सारा संसार दिग्मूढ हो रहा है उन आबू , गिरनार, राणपुर तथा कुंभारिया के अद्भुत तथा आश्चर्य जनक मंदिर पोरवाडों के ही बनवाये हैं।
जावडशाह नाम के पोरवाड ने संवत १०८ में शत्रंजय के मंदिर का जीर्णोद्धार किया था। अर्थात् मंदिरोंका यदि