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लघुशाखा-प्राग्वाट [ पोरवाड ]
नवघरे का मन्दिर-धातु मूर्तिपर। सं० १४३३ आषाढ शु०...प्रा. लघु० व्य० आसा भा० ललत दे...श्रीपार्श्वनाथ बिं० का० श्रीगुणभद्र सूरिणामुपदेशेन......" (श्री पू० नाहर के लेख संग्रहले )
वृद्धशाखा-श्रीमाल ज्ञाति। भडोंच के श्रीपार्श्वनाथजी के मन्दिर
में-धातु मूर्तिपर । स्तस्ति श्री सं० १५१० वर्षे फागुण वदि ३ शुक्र वृद्ध शाखीय श्रीमाल ज्ञाति मं. चांपा भार्या वा० झमकु तथा पुत्र गोधाकेन भा. वा. कुतिगदे पुत्र सीहा प्रमुख सकुटुंब श्रेयोर्थ श्रीपार्श्वनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं वृहत्तपापक्षे भ. श्री विजय तिलक सूरिपटे भ. श्री विजयधर्म सूरिबरेन्द्र ।
[श्री मणिलालजी के 'श्रीमाली ओना ज्ञातिभेद' से ]
लघु संतान-श्री श्रीमाल । सूरत तालावाला की पोळ में मंदिर स्वामी के देरासर में पीतल की प्रतिमापर का लेख
सं. १५११ वर्षे माघ वदि ५ शुक्र श्री श्रीमाल वंशे लघु संताने व. महुणा भा. माणिकदे पु० जगा भार्या गंगी
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