Book Title: Porwar Mahajano Ka Itihas
Author(s): Thakur Lakshmansinh Choudhary
Publisher: Thakur Lakshmansinh Choudhary

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Page 151
________________ १३३ घराणे का पवार घराणे से संबंध लगभग १७४ वर्ष से पूर्व का है । यहां के जैन मंदिर में पांच छे मूर्तियोंपर जो लेख खुदे हुए हैं वे बताते हैं कि वे इसी कुल के पूर्वजों की बनाई हुई हैं। उन सब पर वि. सं. १६८३ महा सुदि १३ रवि दिन लिखा है । एवं यह कुल इस नगर में वि. सं. १६८३ से पूर्व याने ३०३ वर्ष पूर्व से इसी नगर में निवास कर रहा है । पाठकों के अवलोकनार्थ एक दो लेख नीचे दिये जाते हैं । १. श्री पार्श्वनाथ मंदिर देवास — चक्रेश्वरी के पास की श्वेत मूर्तिपर । सं० ० १६८३ वर्ष महासुदि ( १३ ) रवि दिन मालव देश देवास नगर पोरवाड ज्ञातिय चौधरी पूजायां मूर्ति दी. सू. द्विजय वद भा० सजन सू० कीमतराम भाई जसादास केशवदास भा० केशर दे सू० रामजी कानजी धनजी मनुजी जिनं .. 1 सं० १३८३ महासुदि ( १३ ) रवि दिने मालव देशे पौरखाड ज्ञाति सं० मेघजी भा० हेमासोमा सु० कपूरचंदजी तांका सु० गंभीरचंद सु० पेमचंद भा० परघा सं० देवचंद्

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