________________
बनवाया उसकी सामने की दीवाल में जो दो देव कुलिकाएं हैं उनकी कारागिरी और सुंदरता की बराबरी करने वाला नमुना सारे भारत भर में नहीं है। वे ( वस्तुपाल तेजपाल) अच्छे योद्धा थे और निकटवर्ति राजाओं के साथ के युद्धों में उन्होंने अपने राजा को बहुत सहायता दी । उनोंने तीर्थ यात्रा के संघ निकाले थे और जैन धर्म की उच्चतम प्रभावना करने में कुमारपाल से उनका दुसरा ही नंबर था।
वस्तुपाल तेजपाल के कुछ महत्वपूर्ण शिलालेख उपर कहे अनुसार शिवमंदिर के शिलालेख।
मगर-मारवाङ श्री मीडभंजन महादेव के मंदिर में सूर्य के आसपास की दोनों ओर की स्त्री मूर्तियों
___ की चरण चौकीपर ...
१ दाहिने तरफः१॥ ॐ ॥ संवत १२९२ बर्ष आषाढ़ सुदि ७ रवी श्री नारद मुनि विनिवेशिते श्री नगरवर महास्थाने सं. ९०
२१८२ वर्षे अति वर्षाकाल वशादति पुराण तयाच आकस्मिक श्री जयादित्य देवीय महा प्रसाद विनिष्ठायां । . ३। श्रीराजुल देवी मूर्ते पश्चात् श्रीमत् पतन वास्तव्य प्राग्वाट ठ. चंडमात्मज ठ. श्री चंडप्रसादांगज ठ. श्री सो -।