Book Title: Pathikvagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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१८२
दीघनिकाये पाथिकवग्गटीका
(१०.३०५-३०५)
सेक्खपरियायेन वुत्ता। असेक्खोति च यत्थ सेक्खभावासका अत्थि, तत्थायं पटिसेधोति लोकियनिब्बानेसु असेक्खभावनापत्ति दट्टब्बा । सीलसमाधिपञ्जासङ्खाता हि सिक्खा अत्तनो पटिपक्खकिलेसेहिविप्पमुत्ता परिसुद्धा उपक्किलेसानं आरम्मणभावम्पि अनुपगमनतो एता "सिक्खा''ति वत्तुं युत्ता अट्ठसुपि मग्गफलेसु विज्जन्ति, तस्मा चतुमग्गहेट्ठिमफलत्तयसमङ्गिनो विय अरहत्तफलसमङ्गीपि तासु सिक्खासु जातोति च तंसमङ्गिनो अरहतो इतरेसं विय सेक्खत्ते सति सेक्खस्स अयन्ति च सिक्खा सीलं एतस्साति च “सेक्खो''ति वत्तब्बो सियाति तन्निवत्तनत्थं असेक्खोति यथावुत्तसेक्खभावपटिसेधो कतो। अरहत्तफले हिपवत्तमाना सिक्खा परिनिहितसिक्खाकिच्चत्ता न सिक्खाकिच्चं करोन्ति, केवलं सिक्खाफलभावेनेव पवत्तन्ति, तस्मा न ता सिक्खावचनं अरहन्ति, नापि तंसमङ्गी सेक्खवचनं, न च “सिक्खनसीलो, सिक्खासु जातो"ति च वत्तब्बतं अरहति। हेट्ठिमफलेसु पन सिक्खा सकदागामिमग्गविपस्सनादीनं उपनिस्सयभावतो सिक्खाकिच्चं करोन्तीति सिक्खावचनं अरहन्ति, तंसमङ्गिनो च सेक्खवचनं, “सिक्खनसीला, सिक्खासु जाता''ति च वत्तब्बतं अरहन्ति ।
“सिक्खतीति सेक्खो''ति च अपरियोसितसिक्खो दस्सितोति । अनन्तरमेव "खीणासवो''ति आदिं वत्वा “न सिक्खतीति असेक्खो"ति वुत्तत्ता परियोसितसिक्खो दस्सितो, न सिक्खारहितो तस्स ततियपुग्गलभावेन गहितत्ता। बुद्धिप्पत्तसिक्खो वा असेक्खोति एतस्मिं अत्थे सेक्खधम्मेसु एव ठितस्स कस्सचि अरियस्स असेक्खभावापत्तीति अरहत्तमग्गधम्मा वुद्धिप्पत्ता, यथावुत्तेहि च अत्थेहि सेक्खोति कत्वा तंसमङ्गिनो अग्गमग्गट्ठस्स असेक्खभावो आपन्नोति ? न तंसदिसेसु तब्बोहारतो । अरहत्तमग्गतो हि निन्नानाकरणं अरहत्तफलं ठपेत्वा परिचादिकिच्चकरणं, विपाकभावञ्च, तस्मा ते एव सेक्खधम्मा “अग्गफलधम्मभावं आपन्ना''ति सक्का वत्तुं, कुसलसुखतो च विपाकसुखं सन्ततरताय पणीततरन्ति, वुद्धिप्पत्ता च ते धम्मा होन्तीति तंसमङ्गी “असेक्खो'"ति वुच्चतीति ।
जातिमहल्लकोति जातिया वुड्डतरो अद्धगतो वयोअनुप्पत्तो। सो हि रत्तञ्जताय येभुय्येन जातिधम्मकुलधम्मपदेसु थावरियप्पत्तिया जातिथेरो नाम। थेरकरणा धम्माति सासने थिरभावकरा गुणा पटिपक्खनिम्मदनका । थेरोति वक्खमानेसु धम्मसु थिरभावप्पत्तो । सीलवाति पासंसेन सातिसयेन सीलेन समन्नागतो, सीलसम्पन्नोति अत्थो, एतेन
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