Book Title: Pathikvagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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[फ-फ]
सद्दानुक्कमणिका
[२१]
पाटिहारियपझ-२०३ पाटिहिरो-८१ पाणातिपातो-११६, १६५,१६६ पाणिस्सरन्ति-११९ पातब्यतन्ति-४३ पातिमोक्खं-७४ पाथिकवग्गट्ठकथाय - २६१ पादापच्चेति-३४ पापकम्मानुभावसमुपट्ठितेन-१७८ पापणिकन्ति-२०० पापभयं-१५५ पापमित्तताति-१५६ पापिच्छो-१८ पामोक्खो-१०० पारमित्राणं-५४ पारमिता-७२,२३० पारमी-५४ पारिजुञ्जन्ति - १२३ पारिसज्जा - २७ पारिसुद्धिपधानियङ्गन्ति-२५९ पावारो-४७ पासादोति-२०५ पाळिअत्यं-२२४ पाळीति-६५ पिटकसम्पदानं-५३ पिट्ठपायसं-९८ पिण्डीकतन्ति-९३ पित्तविकारादिवसेन-२२० पिपासाति- १२० पियदस्सनो-१०९ पियवदू-१०० पिसुणवाचस्स-११० पीणितन्ति-८३ पीतिपामोज्जेन-१०९ पीतिसहगतमनेन - १६० पीतिसुखं -३२, ११६
पीतिसोमनस्सन्ति -- १५ पुग्गलाधिट्ठाना-१४९ पुग्गलोति-६४ पुञकम्मं -९१,९५, ९७,११३ पुञ्जकिरियवत्थूति -१८४ पुञ्जकिरिया - ९१, १८३ पुञतेजेनाति-९४ पुञफलन्ति-२४. पुञानुभावनिमित्तं-३१ पुञोति-१८१ पुण्डरीकन्ति-२१७ पुण्णचन्दमुखी-१४० पुथुज्जनदुस्सीले - ९१ पुथुज्जनपञा-१८६ पुथुदिसाति-११४ पुथुपाति-१०२ पुनप्पुनं-११७,१२२, १३१,१६४,२२२ पुष्फफलसम्पन्ना - १४१ पुब्बङ्गमताति-१०९ पुरिमुप्पन्नसमाधि-२०७ पूरेन्तेनेवाति-२५ पूवसुरा- ११७ पेक्खा-१८७ पेताति-२५८ पेमनीयोति-१११ पेमं-२४८ पोक्खरसातकाति-१४२ पोथुज्जनिकं-७२ पोराणट्ठकथायं-५७ पोरी-१६१ पंसुकूलन्ति - १९९ पंसुकूलिकणतेचीवरिकङ्गानं -२०२
Dh
फणहत्थकाति-९८
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