Book Title: Pathikvagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 322
________________ [ह-ह ] सेट्ठचरियं - १५ सेट्ठोति - ४६ सेतकमलं - २१७ सेनासनेनाति – २०५ सेय्यथापि - ५१, २०२ सेवनचित्ते - २४० सेवनपयोगाभावेति - २४० सेवनाति - ११७, १९७ सेसपञ्जा - १८७ सोतापत्तिफलं - २४८ सोतापत्तिमग्गो - २५४ सोतापत्तियङ्गानि - २१० सोतापन्नत्राणस्स - ५२ सोधितोति - ५६ सोभना - ११२ सोमनस्सचित्तेनाति - १८० सोमनस्ससम्पयुत्ता - २२६ सोमनस्ससहगतं - २२८ सोमनस्सिन्द्रियं - २६१ सोरच्चं - २६, १५८, १६० सोरतो - २६ सोवग्गिका - २७ सोसानिकन्ति - २०० संकिलेसधम्मं - ५६ संकिलेसिका - २१ स्वाक्खातो-५७ ह हत्थकुक्कुच्चं - १४८ हृदयगामिनियोति - १११ हृदयप्पदेसं - १७७ हरापेत्वाति - २०४ हरितामयोति - ३१ हानधम्मेनाति - १०८ हान भागियो - २४९, २५५ Jain Education International सद्दानुक्कमणिका 33 हितसुखं - ११२, १७३, २१९, २४१ हितोति - २५१ हितं - १०५ हिरिकोपीनपटिच्छादनत्थन्ति - २०२ हिरीयतीति - १५५ हिरोत्तप्पसद्धासतिवीरियादयो - १०२ हिरोत्तप्पानं - १५५ हिंसादिपापकम्मं - ४५ होतूति - ६८, १८३, १८४, २००, २६२ For Private & Personal Use Only [३३] www.jainelibrary.org

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