Book Title: Pathikvagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 321
________________ [३२] दीघनिकाये पाथिकवग्गटीका [स- स] सिक्खासमादानं - २३१ सिनानन्ति-२०० सिनेरुतोति-१३७ सिप्पादिवाचनन्ति-१०१ सीतुण्हसहगताति-२२१ सीलक्खन्धन्ति-१०४ सीलतेजेनाति-९४ सीलन्ति-१८८ सीलवाति-१८२ सीलसमादानेति-९३ सीलसम्पदाति-१९ सीलाचारेति-६८ सीलादिधनसञ्चयं-२६३ सीहनादन्ति-९,८६ सीहनादो-५४ सुक्कधम्मो-५६ सुक्कन्ति -५६, २१४, २३४ सुक्कविपाकोति-२१४ सुक्खविपस्सकस्स-२२४ सुखजीविभावसाधनतो-१२७ सुखदुक्खप्पटिसंवेदी-४६ सुखदुक्खवेदनानम्पि-१७३ सुखदुक्खादिधम्मायतनन्ति-८६ सुखन्ति-११२, २५०, २५६ सुखपटिलाभाति-१८५ सुखल्लिकानुयोगा-७२ सुखविपाकोति-२५६ सुखविहारायाति - १३५ सुखवेदनञ्चाति-१७३ सुखवेदनो-२४२ सुखसम्पयुत्ताति - २५० सुखितन्ति-८३ सुखुमनिपुणपञा-१३० सुखुमपाति-१०७ सुखुमरूपं-१७९ सुखोति-३५, ७२ सुगताति-१० सुचिभावोति-१६१, १९१ सुजातोति-१२३ सुज्झन्तीति-३४ सुञताति- १९० सुञागारेसु-१४ सुतन्ति-८५,१३८ सुत्तन्तपरियायेनाति-१७१ सुत्तलक्खणो - २४८ सुदन्तवाहनयुत्तं - १४१ सुद्दन्ति-४४ सुद्धि-१६९ सुन्दरभावो-४ सुन्दरहदयाति - १२२ सुपरिसुद्धो- १७५ सुपरिसुद्धं -६८ सुप्पकासितन्ति-८१ सुप्पटिविद्धन्ति-२२० .. सुप्पट्टितसतीति-२१२ सुप्पतिट्टितपादताति-९५ सुभट्ठायिनोति-३८ सुभासितवाचा-६८ सुमनोति-८६ सुवचो-२३८ सुवण्णमयोति-३७ सुविपुलन्ति-८४ सुविमुत्तचित्तो-३६ सुविमुत्तपो --३६ सुसंहितन्ति-१११ सुस्सूसा-१२६ सूरियविमानं-४० सूरियोति-१३७ सेक्खधम्मा-१८२ सेक्खपुथुज्जनानं-६३,६४ सेक्खवचनं-१८२ सेक्खो-१८१ 32 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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