Book Title: Pathikvagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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कम्मस्सकतन्ति - १८६ कम्मस्सकताजाननपञ्ञाति - १०१
कम्मस्सकताञाणं - १०१, १०८, १६३
कम्मस्सका - २३६
कम्मायतनं - १८६
कम्मं - ९३, ९४, १०७, १०९, ११३, ११८, १२०,
१२२, १२४, १६३, १७०, १७४, १८६, २१०,
२१५, २३४, २४२
करणवचनन्ति - १४ करुणाखेत्तेपि - १३० करुणाचेोविमुत्तीति - १६१
करुणाति - १६१
करुणाब्रह्मविहारमाह - १६१
कलीति - ११३ कल्याणकारी - १८९ कल्याणपुथुज्जनतो - २२७
कल्याणमित्तताति- - १५६ कल्याणमित्तोतिआदिना - १५६
कसिणसम्भेदोति - २३९
काकक्खीति - १०९
काकस्सरा - १११
काणोति - १०९
कातब्बकिरियं - ४
कामकिच्चन्ति - १८५
कामच्छन्दनीवरणं - २१८
कामतण्हाति - १६८, १६९
कामधातु - १६८
कामधातूति - १६७
कामपटिसंयुत्तोति - १६६, १६७
कामयोगविसंयोगो - २५४
कामरागविनिमुत्तो - २३२
कामरागानुसयोति – २३२
कामवितक्को - १६६ कामसङ्कप्पोति आदिना - १६७ कामसुखल्लिकानुयोगन्ति - ७२ कामावचरकुसलधम्मा - ९५
दीघनिकाये पाथिकवग्गटीका
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कामावचरधम्मविसयो - १६९
कामासवो - १७० कामूपपत्तियोति - १८५
कामेसना - १७० कामेसुमिच्छाचारं - ४२ कामोघो - २१५
कामोति - २३८ कायकम्मन्ति - २४२
कायगतासतीति- २५०
कायचित्तउपधिविवेकेहि - २५८
कायदुच्चरितन्ति - १७५
कायदुच्चरितादिधम्मं - १५५ कायमोनेय्यं - १९१
कायवचीसुचरितं - २६
कायवाचानं - २३८
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कायसखीति - ६६
कायसञ्चेतना - २४२
कायसमुट्ठाना- १६५ कायसुखं - ३२
कायसुचरितन्ति - १६५ कायसुचरितादिपुञ्ञकम्मं - ११३
कायानुपस्सनावसेनेव - २०७ कायिकचेतसिकवीरियं - १९४
कायिकवाचसिककम्मे - २६
कारणमहन्तत्ताति - ७६
कारुञ्ञन्ति – ७५
कालोति - ६५, १७१, २२०
काळकं - ५६
काळसीहोति - ९
किच्चसिद्धिया - ५७, १०२
किच्छतीति - १६९
किञ्चनाति - १७७
कित्तिताति - ८०
कित्तिवण्णहरा - १२९ किलिट्ठन्ति - ५५ किलिट्ठा -- ११५
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