Book Title: Pathikvagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 304
________________ [थ-द] थ थद्धो - १८,१३० थम्भरहितोति - १३० थम्भितभावेन - १३० थामप्पत्तग्गहणो - ९२ थिनमिद्धविनोदन आलोको थिरग्गहणोति - ९२ थिरभावं - ५५ थिरवीरियेनाति - ७२ थिरोति - ८१ सन्ति - ४२ धूपति ७८ धूपं - ७८ - थूलन्ति - ९ थेरवादानं - ६५ थेरोति - ५६, १८२, १८३ थोमेतीति - २५० द दक्खिणाति - १७८ दक्खिय्यो - १७८ दन्तकूटं - १७ - १९५ दमनादीहीति – २६ दलिद्दमनुस्सा- २७ दवाति - ४९, १७६ दस असेक्खधम्मे - २६१ दसुत्तरसुत्तन्तधम्मेन - २०६ दसुत्तरोति - २४८ दस्सनन्ति - १६२ दस्सन-सद्द - १८९ दस्सनसमापत्तीति - ६४ दस्सनेनाति - १४ दानचेतना - १८३ Jain Education International सद्दानुक्कमणिका दानन्ति - ९७, २३४ दानपच्चयाति - २३५ दानपारमिं - १८३ दानमयचित्तं - २३५ दानमयं - ९६, १८३ दानलक्खणा - १२७ दानसीलादिकुसलकम्मं - २२९ दानादिपुञ्ञकम्मानि - ९७ दानादिसङ्ग्रहकम्मन्ति - १०० दारुचक्कं - २५४ दिधम्मवेदनीयानम्पि - १७४ दिट्ठधम्मसुखविहारज्झानानीति - दिट्ठधम्मसुखविहारोति - ७२ दिट्ठधम्मिकादिसम्पत्तीनं - १०७ दिट्ठधम्मो - ७२, १९४ दिट्ठमत्ते- १३९ दिट्ठसुतमुतविञ्ञातवसेन - दिट्ठिगतिकाति - ८७ दिट्ठछन्दो - १९३ - २४२ दिट्ठजुगतं - १८४ दिट्ठिपञ्ञत्ति – ८८ दिट्ठिपटिवेधेति – २३१ दिट्ठियोगविसंयोगो - २५४ दिट्ठिविसुद्धीति - २५९ दिट्ठिसम्पदा - १५७ दिन्नोति - ५६ दिब्बचक्खुत्राणं - १६४ दिब्बचक्खुपञ्ञाविनिमुत्ता - १८८ दिब्बचक्खुपादकज्झानसमापत्तीति - ६२ दिय्यनवसेनाति - ९३ दिवा - ४१, ७९, १९४ दिसागमनीया - २४७ दिस्सतीति - ४०, १३३ दीघनिकायमहाअट्ठकथायं - २६२ दीघनिकाये - १, ३३ दीपभावो - २३ 15 - ७२ For Private & Personal Use Only [१५] www.jainelibrary.org

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