Book Title: Pathikvagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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[ ख ग ]
किलिस्सननिमित्तत्ता - ११५ किलिस्सन्तीति – ११५ किलेसमलरहिताति- २२१ किलेसविमुत्तिञाणेति - ६९ किलेससङ्गणिकन्ति - ६९
किसथूलेनाति - ७६
कुक्कुच्चन्ति - १४८ कुक्कुरवतिकोति - ४
कुज्झनसीलो - २२६
कुभित्तं २०४ कुण्डकन्ति - ४२ कुत्तेनाति - १४ कुप्पनाकारन्ति - ६ कुम्भनन्ति - ११९
कुलसम्पन्नाति - ३४
कुसलकम्मपथधम्मा - ९५
कुसलकम्मं - ८६, ९२, ९३, १००, ११०, ११३, १२२
कुलचित्तुप्पादो - ६२
कुलचित्तं - २१८, २२२, २२७
कुसलज्झानं - १८५
कुसलधम्मा - ५० कुसलपञ्ञत्तियन्ति - ५१ कुसलपठमज्झानं - १८५
कुसलमूलं - २४३ कुसल - सद्दोति - ५८ कुसलाकुसलकम्मानि - ४५ कुसलाकुसलविपाकविञ्ञाणं - २२५
कुसलोति - १९३
कुसीतोति - २३४ केवलपरिपुण्णन्ति - १३३
केवली - १३४
केसकम्बलं - २००
केसरसीहोति - ९ कोजवन्ति - ९६ कोञ्चसकुणेहीति - १४२ को - १०
सद्दानुक्कमणिका
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कोधसामन्ता - १६१
- ६
कोपन्ति कोरमट्टकोति - ६ कोसल्लन्ति - ५८
ख
खग्गविसाणकप्पोतिआदीसु - १९७
खणभङ्गुरा - १९६ खणिका - २३६ खत्तियवंसोति - १९७
खन्ति - १६०, १८७ खन्धपञ्ञत्तीति - ८८
खमतीति - २१२
खमोति - २३८ खयगामिनियाति -२२१
खयधम्मं - ५०
खये त्राणन्ति - १६४
खिड्डापदोसिकं - ११ खिपितब्बन्ति - ४३ खिलाति - ९४
खीणत्ताति -३६
खीणासवोति - १८२
खुरचक्कधरन्ति - १७८ खेत्तविसुद्धियाति - ३० खेमत्ताति - ८१
11
ग
गणका - २७ गणसङ्गणिकन्ति - ६९ गतिविभावनं - ६ गन्थकारकिलेसानन्ति - २१७ गन्धब्बाति - ३१,१३८
गब्भधारणं - ४२
गंभोक्कमनेसूति - ६०
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