Book Title: Pathikvagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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[१२]
गमनवीथितो - ४० गमनसमत्थायाति - ६९
गरुचित्तभावो - २५८
गरुचित्तो - २५८ गरुतरविपाकोति - २२
गहणट्टेन - २१५
गहपतिनेचयिका - ८ गिलानपच्चयो - २०५, २१२
गिहिब्यञ्जनेन - ८४
गिहिविनयन्ति - ११४ गिहिविनयो – १३१
- ४३
गुणोति - १११ गुत्तद्वारोति - ६८ गुम्बगुम्बाति - हात - २०५ गूळ्हगण्डसदिसजिव्हा गूळ्हजिव्हाति - १११ गेधजातोति - १७
गोचरोति - २३
गोतमगोत्तो - १३८
गोतमन्ति - १३६
गोतमो - १२, १५ गोत्तपटिसारिनोति - ४४
गोत्तरक्खिता - २४० गोत्रभुं - १७० गोहीति - ९ गोवीथीति - ४०
घ
-- १११
घननिवासतन्ति - ३० घननिविद्वतं
-३०
घरदेवता - १४७ घरावासकिच्चं - १४७ घासच्छादनादीनं - २३५
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दीघनिकाये पाथिकवग्गटीका
च
12
चक्कन्ति - १७८ चक्कलक्खणन्ति - ९७ चक्कवाळन्ति - ३८
चक्खायतनं - १०३, १६०
चक्खुद्वारिको - २२५
चक्खुधातु - १०३,१६० चक्खसोतविय्या - १८९
चतुअरियसच्चं - १८८ चतुकिच्चसाधकं - १९४ चतुक्कोण्डिको - ४ चतुक्खन्धनिब्बानानि - १५३ चतुचत्तालीसत्राणानियेव - ४९ चतुत्थअरियवंसो - २१२ चतुत्थज्झानिकफलसमापत्तीति - ७२ चतुत्थज्झानं - ६२, ६४, १५१, १८१ चतुत्थसच्चपटिवेधं- - ८० चतुपारिसुद्धिसीलन्ति- - २५९ चतुब्बिधपरिसुद्धिवन्तं - २५९
चतुभूमिकाति - १०३
चतुमग्गञाणं -- ८५
चतुमहानिकायेसु - २६२ चतुयोनिपरिच्छेदकत्राणं - ४८ चतुरोघनित्थरणत्थाय - २० चतुसच्चकम्मट्ठानं - २१० चतुसच्चधम्मं -
- २०९
चतुसच्चसम्पटिवेधावहं - २१०
चन्दननागरुक्खा - १४१
चरण - २३, २८, १०१ ११८, २०१, २०४ चलेय्याति - ७५
चागो - २१४ चातुयामसंवरसंवुतो - १९ चायाम- १९ चारित्तसीलं - १६५
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[घ-च]
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