Book Title: Pat Darshan
Author(s): Kalpana K Sheth, Nalini Balbir
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 30
________________ हिन्दी अनुवाद 3. संभवनाथजी आपने 1,000 पुरुषों के साथ प्रव्रज्या अंगीकार की थी। श्री संभवनाथजी सिद्धाचल पर पधारे। इन्द्रों ने समवसरण की रचना की। आपने देशना में श्री सिद्धाचलजी का माहात्म्य दर्शाया। भव्य प्राणियों ने प्रतिबोधित होकर संसार का त्याग करके प्रव्रज्या ग्रहण की। उन्होंने प्रभु से अपने आत्मा की सिद्धि विषयक चर्चा की। अपने आत्मा की कार्यसिद्धि वहीं सिद्धाचल पर जानकर उन्होंने वहां अनशन व्रत शुरू किये, सकल कर्म क्षय कर सिद्धत्व, मोक्ष प्राप्त किया। आपके परिवार में चारुदत्त प्रमुख 105 गणधर थे। 2,00,000 साधु, श्यामा प्रमुख 3,36,000 साध्वियाँ, 2,93,000 श्रावक और 6,36,000 श्राविकाएँ थीं। आपका देहमान 400 धनुष ऊँचा था। आपका वर्ण कंचन (सुवर्ण) है। आपका लांछन तुरंग (अश्व) है। आपकी कुल आयु साठ लाख पूर्व थी। 1,000 पुरुषों के साथ आपने सिद्धपद-मोक्ष प्राप्त किया। तीसरे तीर्थंकर श्री संभवनाथजी को भक्ति-भावपूर्वक वंदन। Transliteration // trija sriSambhavanathah-paramesvarajih // sriSidhamcalajimhavi samosaryah, samavasarana ni racana karih, sri tiham srisambhavanathajiim desana ne visem sriSiddhacalaji mahatma varnavyoh. te mahatama bhavyapraniim sambhali pratibodha pami. samsara-tyaga kari, caritra leinem, paramesvaraji nem pota na atama ni karya ni sidhi puchi. e sriSiddhacalaji uparem karya ni siddhi pota nih jani, anasana kari, sakala karma ksaya kari, mokse pohata. srisambhavanathaji nem Carudatta-pramusa eka so pamca ganadhara, be lasa sadhu, Syamya-pramusa trina lasa chatrisa hajara sadhaviji, be la. tranu hajara sravaka, cha lasa chatrisa hajara sravika, eka hajara pramusa' samghatem diksa, cyara syai dhanusa deha, sattha lasa purva num ayum, kamcana-varna, turamgalamchana, hajara purusa samghatem sidhapa(da) ne varya // ehava trija paramesvaraji nem hum vara vara vamdum chumh. sriSabhavanatha no sambandhah sampurnah // 3 // 3. The word which is usually found at this place is puru sa. पटदर्शन

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