Book Title: Pat Darshan
Author(s): Kalpana K Sheth, Nalini Balbir
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 47
________________ आपका देहमान 150 धनुष ऊंचा था। आपका वर्ण सफेद (गौर) है। आपका लांछन शशि (चंद्र) है। आपकी कुल आयु 10 लाख पूर्व की थी। अपना निर्वाण काल समीप जानकर आप चंदोद्यान पधारे। देवों ने समवसरण की रचना की। अपनी धर्मदेशना में सिद्धाचलजी पर्वत का माहात्म्य बतलाया। प्रभु की देशना सुनकर भव्य प्राणी तीर्थ का माहात्म्य समझकर वहां आये। इससे प्रतिबोधित होकर चंद्रशेखर राजा ने वहां जीर्णोद्धार करवाया। अपना निर्वाण समय समीप जानकर आप 1000 साधुओं के साथ श्री सम्मेतशिखर पर पधारें। वहां आपने अनशन व्रत ग्रहण किये और सिद्धत्व-मोक्षपद प्राप्त किया। मुक्तिगिरिजी, श्री बाहुबल गिरिराज को भावपूर्वक वंदन। आठवें तीर्थंकर श्री पद्मप्रभु को भक्ति-भावपूर्वक वंदन। Transliteration // have athama sriCandraprabhu-svami / eka hajara purusa samghatem vrata prajaya lidho. Dina-pramusa tranum ganadhara, be lasa pamcasa hajara sadhu, Sumana-pramusa trina lasa esi haja(ra) sadhavi, be lasa pamcasa hajara sravaka, cyara lasa ekanu hajara sravika, dodha so dhanusa deha-mamna, dasa lasa purva num ayu, sveta-varna, sasi-lamchana, ehava sriCandraprabhu Candrodyana avi samosarya. samavasarana devem racyum. sriSidhacalaji no guna varnava karyo. tiha Candrasesara namem raja desanam sambhali, tirtha no mahima moto jamni, uddhara phari karavyo. sriCandraprabhuji vihara karata eka hajara purusa sum sriSameta-sisaremh sidhapada nem varyah. namo stu SriMuktigiriji nem namo namah // SriBahubala-giri-raja nem namo namah //8// Sri Sri Sri Sri // 40 पटदर्शन

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