Book Title: Pat Darshan Author(s): Kalpana K Sheth, Nalini Balbir Publisher: Jain Vishva BharatiPage 97
________________ KRAMRADHAARANGEMELA जनाएकज्याय श्रीसिधाबलजीयरेंसूर्यवनासर्यातकंमना पाशिना बिनाफरमथायतोरोगजायें एव॒मनीराजनामुषधीसानले तेकंमनायाणितीया वातसानलीने विद्याधरीधरती कलसमीशा तिजलायमालेऽराजानासरिबोटानाध्या एतलेंअडारजातनाको निकलताकेरवालागा अरेराजाअमारेताहरेंसातभरनोवेरस्ते हवेमाराजारोथाको समयाखेंरेस्वायनहाएतलामारहवन मनमकरनाशकाोगप्ररम्पराया गनाजीगो तेहविधानानघणायया एधारामनियाच्यामाहारणा मिलानी रोग,कारणयु. शिवारेमुनिकहें याबलेसातमेंन मनीनोधा नकस्वाहतो नेपामोत्तारकास्करहतेथीकोकिरोगउपनो तेवा सानिलिराजानेजातिसमण्डपमुंपुरवननदीको तिवारेचविधम घले राजाश्रीसिधाचनजामाच्या विहाअाइमोनकरीधारित्र नेइमपासणकरीनेंसीधीनस्या नमानमोनासिधाचनजी श्रीवि मलाचनजी तिहासोधर्मनारोजीनदीमोनहिमापुग्पतिवारे श्रीधारेंनदीनोमहिमामाच्या एनदिमांना तेयाजव्यजी संसारथोमोकरें हिलिथै शारकिरकवा तेकरेंखें प्रयाउछ रनरतचनीनो जीजाउधारदमवीजनो बिजोइसानइंकने चौथोमाहेश्ना गांचाब्रह्मश्नो बहोकतनयतीनो सा तमासगस्वकीनो आधमाधवनो नवमोचजसाना दसनाचक्राबुद्धनो पारमारामचंनो बारमापयाविना तरमोजाधानाचानो घौदमाबामदेमंचानो यनरमोसमराः सारंगनो तालमाकमसिनो सतरमोउछार उपसाराचार्य नामदेसचीवीमलवाहनराजाकरावस्य॥२॥एसतरतोमासानी जानाहनानीसंध्यामहामस्वभासिदाचानजीना२२एकचासना मितेकामासजयापुंकरीकगीशाशसिकंधारावीमला चलाधाकरगिरायामहागीशपुन्यरासी। श्रीमदाठापाल महातीधीरसास्वतोभरसक्किाशमुक्तिलयापुष्पदंतारचमहा एयरपथवीपीकासन्न कैलासगीराशपातानमुलाne प्रकर्मकार०सवकामदारथानमस्कारोश्रीसिछाधानजी नमोनमः॥ इलिमीसावाचलपटसंयुासंवरप्पा नाशाके७२ घनमाने पोसमाममिरचदिदिने र पका-अगस्तपुरसमलिनाथपमादनप्रसादाशायण्टा चाचराकेसरचिजेंनावेदणार वाराणी मूल पाठ हवे चोवीसमा श्री वर्धमान स्वामी। एकल्लमल्ल पोते दिक्षा। इग्यार गणधर, चौद हजार साधु, छत्रीस हजार साधवी, एक लाख ओगणसाठ हजार श्रावक, त्रिीण लाख सत्तावीस हजार श्राविकाः। सात हाथ देह, सिंह लंछन, पित वर्ण। ते श्री विरस्वामी विचरतां श्री सिधाचलें समोसऱ्यां। देवताईं समोसरण रच्यूं। त्रिगडें बेसी, प्रभुजी देसना दे छे। 90 पटदर्शनPage Navigation
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