Book Title: Pat Darshan Author(s): Kalpana K Sheth, Nalini Balbir Publisher: Jain Vishva BharatiPage 58
________________ बारमानावासविस्वामिाअन्नपशष बासगरधराबाहो सरहजारमुनीरामाधरणिकपएकलापसाधवी:बलाषापार हमारयावकाचा रखापबबिसहजारमाविका सिनेरधनुषदेह मानबहोशेरलापवरमआटुयुःरक्तवरण:मषिलंबनबसेंमुः रमसंवतलीकं विचरतानीसिघाचलपधास्वा श्रीसिधाचालजी बमानघायु विहारकरता बसेंनिसहितचंपानगरी अगसकरीने परमयदनिरानाधपदयाम्पानिमोस्तविमल गिरी युरिकगिरासीहाडानेवाडा साजाजता मूल पाठ बारमा श्री वासुपूज्य स्वांमिः। श्रुभ प्रमुख छासट्ठ 66 गणधर, बोहोत्तर हजार मुनीराजः, धरणि प्रमुख एक लाख साधवीः, बे लाखः पन्नर हजार श्रावकः, चार लाख छत्रिस हजार श्राविका। सित्तेर धनूष देहमान, बहोत्तेर लाख वरसनुं आयुः। रक्त वरणः, महिष लंछनं, छसें परतां श्री सिधाचल पध्यारयाः। श्री सिधाचलनं बहमांन वर्णव्यं। विहार करतां छसें मुनि सहित चंपानगरीइं अणसण करीने परम पद निराबाध पद पाम्यां। नमोस्तु विमलगिरीः, पुंडरिकगिरीः सीधाद्रीनें वांदु छुः। 121 卐5 हिन्दी अनुवाद 12. वासुपूज्यजी आपके परिवार में श्रुभ (सुधर्मा) प्रमुख 66 गणधर थे। 72,000 साधु, धरणी प्रमुख 1,00,000 साध्वियां, 2,15,000 श्रावक और 4,36,000 श्राविकाएं थीं। आपका देहमान 70 धनुष ऊंचा था। आपका वर्ण रक्त है। आपका लांछन महिष है। आपकी आयु पूरे 72 लाख वर्ष की थी। विचरण करते आप सिद्धाचलजी पर पधारें। अपनी देशना में आपने सिद्धाचलजी का माहात्म्य सविस्तार दर्शाया। अपना | मोक्षकाल समीप जानकर आप 600 मुनियों के साथ चंपानगर पधारे। वहां आपने 600 मुनियों के साथ अनशन व्रत ग्रहण किया। शेष कर्मों का क्षय करके आपने परमपद निर्वाण प्राप्त किया। विमलगिरि, पुंडरीकगिरि, सिद्धाद्री को भावपूर्वक वंदन। बारहवें तीर्थंकर श्रीवासुपूज्यजी को भक्ति-भावपूर्वक वंदन। Transliteration //barama sri Vasupujya-svammih subha-pramusa chasattha 66 ganadhara, bohottara hajara munirajah, Dharani-pramusa eka lasa sadhavih, be lasa pannara hajara sravakah, cara lasa chatrisa hajara sravika, sittera dhanusa deha-mamna, bahottera lasa varasa numayumh, rakta-varanah, mahisalamchana. cha sem purasa sum vrata lidhum. vicarata sriSiddhacala padhyaryah. sriSidhacalaji num bahu-mamna varnavyum. vihara karata cha sem mumni-sahita Campa-nagariim anasana karinem, parama-pada nirabadha-pada pammyah// namo stu Vimalagirih Pundarika-girih // Siddhadri nem vamdu chum // 12// [3 svastikas]. पटदर्शन R -51Page Navigation
1 ... 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154