Book Title: Pat Darshan
Author(s): Kalpana K Sheth, Nalini Balbir
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 39
________________ हिन्दी अनुवाद 5. सुमतिनाथजी आपने 1000 पुरुषों के साथ प्रव्रज्या अंगीकार की थी। विचरण करते हुए आपश्री सिद्धक्षेत्र पर पधारें। वहां देवता ने समवसरण की रचना की। अपनी देशना में आपने सिद्धाचलजी का माहात्म्य बतलाया। उससे प्रतिबोधित होकर, तीर्थ का माहात्म्य सविशेष समझकर भव्य प्राणियों ने दीक्षा ग्रहण की, अनशन व्रत ग्रहण किये और सिद्धपद-मोक्षपद प्राप्त किया। आपके परिवार में चरम प्रमुख 100 गणधर थे। 3,20,000 साधु, तापि प्रमुख 5,30,000 साध्वियां, 2,18,000 श्रावक और 5,16,000 श्राविकाएं थीं। आपका देहमान 300 धनुष ऊंचा था। आपका वर्ण कंचन (सुवर्ण) है। आपका लांछन क्रौंच है। आपकी कुल आयु 40 लाख पूर्व थी। अपना अंतिम समय नजदीक जानकर 1000 मुनियों के साथ आप सम्मेतशिखरजी पधारे। वहां अनशन व्रत ग्रहण किये और सिद्धत्व प्राप्त किया। श्री शत्रुजयतीर्थ को भावपूर्वक वंदन। श्री विमलाचल तीर्थ को भावपूर्वक वंदन। पाँचवे तीर्थंकर श्री सुमतिनाथजी को भक्ति-भावपूर्वक वंदन। Transliteration //havem pamcama Sumatinatha-arihanta // sriSidha-setrem padhyarya. devataim samavasarana ni racana kari. te tri-gadem besi desana nem visaim sriSidhaca(la)ji mahima bhali ritem varnavyo. ketala eka bhavya-pramni pratibodha pammi, tirtha no mahima moto jamni, vairagi amni, caritra lei, anasana kari, sidhapada nem varya. sriSumatinathajiim sahasra purusa samghatem vrata lidhum. Camara-pramusa so100 ganadhara, trina lasa visa hajara sadhu, Tapi-pramusa pamca lasa trisa hajara sadhavi, be lasa adhara hajara sravaka, pamca lasa sola hajara sravika, trinya sem dhanusa deha-mamna, calisa lasa purva num ayum, kamcana-varma-sarira, krauca-lamchana.eka hajara munih-samghatem sriSamatasisaraji uparem sidha-pada nem varya. ehava sriSu(ma)tinatha nem vamdum chum // namo stuh // SriSetrumjaya-parvataya namo namah // SriVimalacalaya namo namah // 5 // sri sri. 32 - पटदर्शन

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