Book Title: Narbhavdrushtantopnaymala
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
View full book text
________________ 140 : : नरभवदिटुंतोवनयमाला भावार्थ:-श्रीविजयप्रभसूरीश्वरना राज्यमा श्री . विनयविमलगणि कविराज थया, तेमना शिष्य पंडित श्रीधीरविमलगणि थया तेमना शिष्य नयविमले आ रचना करी छे / / 87 / / // इति श्रीमत्तपागणगगनांगणदिनमणिभट्टारकश्रीमदानन्दविमलसूरीश्वरसुशिष्यपण्डितहर्षविमलगणिशिष्यपण्डितजयविमलगणिविनेयपण्डितकीतिविमलगणिशिष्यपण्डितविनयविमलगणिशिष्यपण्डितधीरविमलगणिसुगुरुपादारविन्दचञ्चरीकायमाणपण्डितनयविमलगणिरचितायां नरभवदृष्टांतोपनयमालायां राधावेधनामा सप्तमो दृष्टान्तः सम्पूर्णः // 7 //
Page Navigation
1 ... 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184