Book Title: Narbhavdrushtantopnaymala
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ // 10 // अथ परमाणुनामा दशमो रष्टान्तः / पढमो. जंबूद्दीवो सव्वद्दीवाण मन्मओ वट्टो / जोयणलक्खप्पमाणो विवखंभायामभागेण // 1 // भावार्थः-सघला द्वीपोनी बच्चे लंबाई अने पहोलाइमां लाख योजननो प्रथम जंबुद्वीप छे // 1 // . पणसयछवीसजोयणछच्चेव कलापमाणमिह भरहं / तदुगुणो हिमवंतो वासहरो पव्वओ तत्थ // 2 // भावार्थ:-तेमां पांचसोछवीस (526) योजन अने छ कला प्रमाण- भरतक्षेत्र छे ते पछी भरतक्षेत्रने मर्यादाकारि भरतक्षेत्रथी बमणा प्रमाणनो हिमवंत नामनो वर्षधरपर्वत छ / / 2 / / तत्तो दुगुणं हिमवंत-खित्तं जुयलाण दुगुणमहहिमवो। . तसो हरिवासखेत्तं तओ दुगुणो निसढवासहरो // 3 // ___ भावार्थ:-तेथी आगल 'तेना करतां बमणा प्रमाण- हिमवंतनामनुं क्षेत्र छे, जे जुगलीआओर्नु छ, तेथी बमणा प्रमाणनेो महाहिमवानपर्वत छे, तेथी बमणुं हरिवासक्षेत्र अने तेथी बमणो निषधनामना वर्षधरपर्वत छे // 3 // एवं दाहिणपासे तेतीससहस्सजोयणाई तहा / छावण्णाहियइगसय-उत्तरपासंमि एमेव // 4 //
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