Book Title: Narbhavdrushtantopnaymala
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 163
________________ 156 : : नरभवदिठूतोवनयमाला श्रीधीरविमलगणि थया तेमना शिष्य नंयविमले आ रचना करी छे / / 24 // // इति श्रीमत्तपागणगगनांगणदिनमणिभट्टारकश्रीमदानन्दविमलसूरीश्वरसुशिष्यपण्डितहर्षविमलगणिशिष्य पण्डितजयविमलगणिविनेयपण्डितकीतिविमलगणिशिष्यपण्डितविनयविमलगणिशिष्यपण्डितधीरविमलगणिसुगुरुपादारविन्दचञ्चरीकायमाणपण्डितनयविमलगणिरचितायां नरभवदृष्टांतोपनयमालायां युगश मिलानामा __ नवमो दृष्टान्तः सम्पूर्णः // 7 //

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