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प्रस्तावना।
नन्दिसूत्रम् । ॥२३॥
त्यारबाद उत्कृष्ट क्षेत्र माटे जणावे छे के असंख्यात लोकाकाश जेटला खंडो अलोकमां पण जाणवानु तेर्नु सामर्थ्य छे. त्यारवाद अवधिना मध्यम क्षेत्रो बताक्तां काळ अने क्षेत्रनो केवो संबंध छे ते दर्शावेल छे. अर्थात् केटला क्षेत्रनु अवधि होय तेने केटला कालर्नु अवधि होय ते नीचे प्रमाणे छ:
क्षेत्र [१] १अंगुलनो असंख्यातमो भाग
[१] २आवलिकानो असंख्यातमो भाग [२] अंगुलनो संख्यातमो भाग
[२] आवलिकानो संख्यातमो भाग [३] एक अंगुल प्रमाण क्षेत्र
[३] कंइक न्यून एची आवलिका [४] ३अंगुलपृथक्त्व
[४] पूर्ण आवलिका [५] हस्तमात्र
[५] अंतर्मुहर्त [६] १ गव्यूत (गाउ)
[६] किंचित् न्यून दिवस [७] १ योजन
[७] दिवसपृथकत्व (२ थी ९ दिवस) [८] २५ योजन
[८] कांइक न्यून पक्ष (पखवाडीयु) अहीं जे क्षेत्रनु माप बताब्यु छे तेटला क्षेत्रमा रहेला पदाथों ने जाणे अने जुए एम समजवु. २ अहिं जें कालनु माप बताव्यु छे तेटला भूतकालमां थयेला पदार्थना पर्यायो अने भविष्यमा थनारा पर्यायो जाणे अने जुए एम समज'. ३. बेथी नव आंगळनी संख्या.
.॥२३॥
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